रविवार, 18 नवंबर 2007

हास्य-क्षणिका 05 : पत्नी जी के जन्म दिवस पर---

 एक कविता : पत्नी जी के जन्म-दिवस पर


पत्नी जी के जन्म-दिवस पर
मैने भी कुछ हुलस हुलस कर
’चार लाइना ’ लिख डाला

"जन्म दिन पर आज
जीवन को नया आयाम दे दो
"जन्मदिन की शुभ घडी
कोई नई पहचान दे दो "

प्रत्युत्तर में पत्नी बोली

"घड़ी? कौन सी?
शादी में जो घड़ी मिली थी
क्या कर डाला ?
"मेरे बाप को समझा क्या
H.M.T वाला !"

-आनन्द.पाठक-

[पत्नी के आगे  "जी"  ग्रह शान्ति के लिए लगाया है-आप लोग भी लगाया करें ]

[सं 07-12-18]

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